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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ में उद्यमशीलता
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ द्वारा चलाई जा रही दो गतिविधयाँ हैं -1) प्रोटोटाइप एवं विकास निधि की स्थापना तथा 2) आईसीटी में इन्क्यूबेशन केंद्र की स्थापना।
औद्योगिक, शैक्षणिक एवं सरकारी निकायों में नवपरिवर्तन को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ नें पीटीयू से प्रचुर वित्तीय सहायता के साथ प्रोटोटाइप विकास एवं नवाचार निधि (पीडीआईएफ) की शुरुआत की है। पीडीआईएफ की स्थापना अनुसंधान प्रयोगशाला एवं व्यवसायिक उत्पाद के बीच प्रौद्योगिकी के अंतर को कम करने के लिए की गई है। पीडीआईएफ ऐसे प्रौद्योगिकी परियोजनाओं को कोष प्रदान करता है जो वाणिज्यिक क्षमताओं वाली हों जो राष्ट्र की सामान्य रूप की तथा क्षेत्रीय औद्योगिक की विशेष रूप की तत्काल प्रौद्योगिकी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। यह विशिष्ट बोर्ड सदस्यों द्वारा शासित की जाती है जिसकी अध्यक्षता निदेशक, भा.प्रौ.सं. रोपड़ करते है। पीडीआईएफ ने प्रारंभिक दो वर्षों में 20 परियोजनाओं को कोष प्रदान किया है। पीडीआईएफ से परियोजना का ओसतन योगदान 10 लाख आँका जा सकता है। औद्योगिक एवं शैक्षणिक की साझेदारी के साथ यह विशिष्ट परियोजना चलाई जा रही है ताकि इस परियोजना में विकास जाने वाले प्रोटोटाइप की प्रौद्योगिकी का व्याहवसायीकरण किया जा सके। औद्योगिक साझेदार से आशा की जाती है कि प्रोटोटाइप के विकास के लिए वे समान रूप से कोष प्रदान करें।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ उद्यम कार्य आईसीटी में एक इन्क्यूबेशन केंद्र है जिसकी स्थापना टाईड परियोजना के अधीन डीआईटी से प्रचुर वित्तीय सहायता के साथ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ में की गई है भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ उन उद्यमियों के संपर्क में है जो आईसीटी स्पेस में रोमांचक शुरुआत करने के लिए तैयार है। टाईड इन्क्यूबेटर तकनीकी विशेषज्ञता, व्यवसाय परामर्श एवं आधारभूत संरचना के साथ सहायता प्रदान करेगा।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़, पंजाब राज्य में उद्यमशीलता के विकास एवं नवाचार की वृद्धि के लिए योगदान दे रहा है और साथ ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थाननों एवं अन्य राष्ट्रीय महत्व संस्थानों में प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना के लिए भारत सरकार के दृष्टिकोण के साथ संलग्न है।