Jan-March

दिनांक 12 मार्च, 2021 को आनलाइन हिंदी कार्यशाला का आयोजन

हिंदी प्रकोष्ठ, भा.प्रौ.सं. रोपड़ ने दिनांक 12 मार्च, 2021 को आनलाइन माध्यम से “कोरोना से बचावः ज्ञान के प्रसार में हिंदी सशक्त माध्यम” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में वक्ता के रुप में भा.प्रौ.सं. रोपड़ के प्रौद्योगिकी नवाचार हब के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. नरेश राखा थे।

कार्यशाला का औपचारिक स्वागत भाषण संस्थान के हिंदी अधिकारी श्री लगवीश कुमार ने किया। श्री लगवीश कुमार ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि हिंदी प्रकोष्ठ, भा.प्रौ.सं. रोपड़ राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में प्रत्येक तिमाही में कार्यशाला का आयोजन करता आ रहा है। श्री लगवीश कुमार ने डॉ. नरेश राखा और उपस्थित सभी संस्थान सदस्यों का स्वागत किया।

डॉ. नरेश राखा जी ने अपने वक्तव्य में कई ऐसे उपायों को सभी के साथ साझा किया जिसके फलस्वरुप कोविड़ के दौरान हम अपनी सुरक्षा कर सकते है। डॉ. राखा जी ने अत्यंत सरल हिंदी में रोचक ढंग से अपनी बात रखते हुए कोविड़-19 के दौरान उनके और उनके समूह द्वारा किए गए अनुसंधानों के प्रतिफलन में बनाएं गए उपकरणों तथा इनकी सार्थकता पर प्रकाश ड़ाला जिसमें घर में उपयोग में लायी जाने वाली तमाम वस्तुओं को कीटाणु मुक्त करने हेतु यूवी ट्रंक, स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोविड़ संक्रमण से बचाने हेतु डिफिंग चेंबर आदि का समावेश था।

डॉ. राखा जी ने टीकाकरण के इस दौर में सभी को इस बात से अवगत कराया कि भले ही कुछ लोग वैक्सीन ना लगायें और उनको कोरोना भी ना हो परंतु यह लोग वैक्सीन की श्रृंखला भंग करने के जिम्मेदार होंगे। डॉ. राखा जी ने सभी से यह आग्रह किया वे टीकाकरण को लेकर किसी भी प्रकार से आशंकीतों को इस तथ्य से जागरुक कराएं और टीकाकरण के इस राष्ट्रीय उद्देश्य में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

कार्यशाला का समापन करते हुए संस्थान के हिंदी अनुवादक डॉ. गिरीश प्रमोदराव कठाणे ने डॉ. नरेश राखा और सभी उपस्थितों का धन्यवाद ज्ञापित किया।