Oct-December

आनलाइन हिंदी कार्यशाला का आयोजन दिनाांक 20 दिसंबर 2021

दिनांक 20 दिसंबर 2021 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ के हिंदी प्रकोष्ठ द्वारा आनलाइन हिंदी कार्यशाला आयोजन किया गया। यह कार्यशाला “राजभाषा हिंदी एवं विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम” विषय पर आयोजित गई। इस कार्यशाला में संस्थान सदस्यों का मार्गदर्शन करने हेतु श्रीमती कमलेश बजाज, उपनिदेशक, मध्योत्तर कार्यालय, हिंदी शिक्षण योजना, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरार को आमंत्रित किया गया था।

कार्यशाला की शुरुवात में, संस्थान के हिंदी अनुवाद ने सभी सदस्यों के समक्ष कार्यशाला की पृष्ठभूमि एवं प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। संस्थान के हिंदी अधिकारी/संयुक्त कुलसचिव श्री लगवीश कुमार ने औपचारिक स्वागत भाषण किया। अपने औपचारिक स्वागत भाषण में हिंदी अधिकारी, भा.प्रौ.सं. रोपड़ ने आमंत्रित वक्ता महोदया तथा उपस्थित सभी सदस्यों का स्वागत किया तथा भा.प्रौ.सं. रोपड़ के सदस्यों द्वारा विभिन्न प्रशिक्षणों में की जा रही सहभागिता पर भी अपने विचार रखें।

कार्यशाला की वक्ता महोदया ने उपस्थितों सर्वप्रथम राजभाषा नियमों, अधिनियमों की जानकारी दी। इसके पश्चात वक्ता महोदया ने सभी को हिंदी शिक्षण योजना द्वारा तथा राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा समय-समय पर संचालित किए जानेवाले विभिन्न प्रशिक्षण जैसे कि हिंदी भाषा प्रशिक्षण (प्रबोध, प्रवीण, प्राज्ञ तथा पारंगत), कंप्यूटर पर पांच दिवसीय बेसिक प्रशिक्षण कार्यक्रम, हिंदी टाइपिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी।

विभिन्न प्रशिक्षणों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए वक्ता महोदया ने दैनंदिन कार्यालयनी कामकाज में आनेवाली प्रमुख समस्याओं पर भी सभी का मार्गदर्शन किया। वक्ता महोदया श्रीमती कमलेश बजाज जी ने सभी से यह आग्रह किया कि अधिक शुद्धता आग्रह न रखते हुए आप जो बोलते है वहीं हिंदी में लिखना प्रारंभ करें। समय के साथ-साथ हिंदी के शब्दों का भी ज्ञान आपको हो जाएगा।

अंत में, संस्थान के हिंदी अनुवादक डॉ. गिरीश प्रमोदराव कठाणे ने आमंत्रित वक्ता महोदया को संस्थान के सदस्यों द्वारा विभिन्न प्रशिक्षणों में जो उपलब्धियां प्राप्त की गई है फिर वे कंप्यूटर पर बेसिक प्रशिक्षण कार्यक्रम हो, हिंदी टाइपिंग प्रशिक्षण हो अथवा हिंदी भाषा प्रशिक्षण, इन सभी के संबंध में संक्षिप्त जानकारी देते हुए वक्ता महोदया तथा उपस्थित सभी सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

हिंदी कार्यशाला के कुछ क्षण