April-June

भा.प्रौ.सं. रोपड़ में हिंदी कार्यशाला का आयोजन (दिनांक 12 जून 2024)

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ के हिंदी प्रकोष्ठ ने दिनांक 12 जून, 2024 को आभासीय रुप में हिंदी कार्यशाला का आयोजन संपन्न किया। राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया।




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यह कार्यशाला कंप्यूटर पर राजभाषा हिंदी का प्रयोग विषय पर आयोजित की गई जिसमें विषय विशेषज्ञ के रुप में सहायक निदेशक, हिंदी शिक्षण योजना, कोलकाता केंद्र (पश्चिम बंगाल) श्री अनुप कुमार को आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर नराकास रुपनगर के सदस्य कार्यालयों के अधिकारी एवं कर्मचारीगण विशेष रुप से उपस्थित थे। इस कार्यशाला में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ के कर्मचारियों , अधिकारियों तथा संकाय सदस्यों ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित की।

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सर्वप्रथम संस्थान के हिंदी अधिकारी श्री विपिन कुमार ने आमंत्रित वक्ता महोदय का स्वागत किया। साथ ही, नराकास रुपनगर के सदस्य कार्यालयों से जुड़े अधिकारी एवं कर्मचारिगण, भा.प्रौ.सं. रोपड़ के संकाय सदस्य, अधिकारी एवं कर्मचारिगणों का भी स्वागत किया।

आमंत्रित वक्ता महोदय ने अपने मार्गदर्शन परक वक्तव्य का आंरंभ राजभाषा हिंदी से जुड़े संवैधानिक प्रावधान, इस संबंध में निर्धारित नियमों, अधिनियमों के साथ-साथ विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के संबंध में सभी को जानकारी प्रदान कर उन्हें इस संबंध में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की।


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आमंत्रित वक्ता महोदय ने अपने विचार को साझा करते हुए इस बात की ओर सभी का ध्यान केंद्रित किया कि वर्तमान में सभी कंप्यूटरों में हिंदी टंकण की सुविधा उपलब्ध है केवल आपको आपके कंप्यूटर पर हिंदी सक्रिय करने की आवश्यकता होती है। इस पश्चात कंप्यूटर पर हिंदी किस प्रकार से सक्रिय की जा सकती है इसका प्रात्यक्षिक सभी के सम्मुख रखा गया।

साथ ही, आमंत्रित वक्ता महोदय ने यह भी स्पष्ट किया कि राजभाषा विभाग द्वारा ऐसे कई सॉफ्टवेयर अब उपलब्ध है जिनके माध्यम से अत्यंत सरलता के साथ हिंदी में टाइपिंग की जा सकती है। साथ ही, वॉइस टाइपिंग आदि कई सॉफ्टवेयर की जानकारी साझा की गई।

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कार्यशाला का समापन संस्थान के केंद्रीय पुस्तकालय के सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. तरविंदर सिंह हांडा ने अपने धन्यवाद ज्ञापन से किया। डॉ. हांडा ने राजभाषा हिंदी और इसके तकनीकी पक्ष पर आमंत्रित वक्ता महोदय द्वारा दी गई जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण होने की बात कहीं। कार्यक्रम का संचालन भा.प्रौ.सं. रोपड़ के वरिष्ठ हिंदी अनुवाद अधिकारी डॉ. गिरीश प्रमोदराव कठाणे ने किया।