January-March
भा.प्रौ.सं. रोपड़ में हिंदी कार्यशाला का आयोजन (दिनांक 26 फरवरी 2024)
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में हिंदी प्रकोष्ठ, भा.प्रौ.सं. रोपड़ ने जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के दौरान हिंदी कार्यशाला का आयोजन संपन्न किया। संस्थान का हिंदी प्रकोष्ठ प्रति तिमाही एक कार्यशाला का आयोजन संपन्न करता आ रहा है। इसी क्रम में, दिनांक 26 फरवरी 2024 को आनलाइन माध्यम से हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य संस्थान सदस्यों को हिंदी में कार्य करते हुए आने वाली तकनीकी समस्याओं पर मार्गदर्शन करना था।
उपर्युक्त उद्देश्य की पूर्ति हेतु संस्थान सदस्यो का मार्गदर्शन करने हेतु डॉ. सौरभ कुमार, हिंदी अधिकारी, भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद को विशेष रुप से आमंत्रित किया गया था। आमंत्रित वक्ता डॉ. सौरभ कुमार ने इस डिजीटल/तकनीकी युग में हिंदी के कार्यान्वयन को सरलता से किस प्रकार किया जा सकता है इसकी विस्तार से जानकारी देते हुए संभावित समस्याओं को भी इंगित कर उनका समाधान प्रस्तुत किया।

उक्त कार्यशाला में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ के कर्मचारियों के साथ-साथ नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति रुपनगर के सदस्य कार्यालयों/बैंको के सदस्यों ने उत्साहजनक प्रतिभागिता सुनिश्चित की।
इस कार्यशाला के आरंभिक चरण में, भा.प्रौ.सं. रोपड़ के हिंदी अधिकारी श्री विपिन कुमार ने औपचारिक स्वागत करते हुए डॉ. सौरभ कुमार जी का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ की ओर से स्वागत एवं अभिवादन किया। साथ ही, नराकास रुपनगर के सदस्य कार्यालयों के उपस्थित कार्मिकों का भी भी हार्दिक स्वागत किया।
अपने मार्गदर्शन पर वक्तव्य में डॉ. सौरभ कुमार ने सभी के साथ कार्यशाला के विषय पर चर्चा की।

ध्वनि आधारित टाइपिंग पर मार्गदर्शन करते हुए

मोबाइल में हिंदी टाइपिंग पर मार्गदर्शन करते हुए
डॉ. सौरभ कुमार ने आरंभ में ही इस तथ्य को स्पष्ट किया कि तकनीक कभी भी किसी भी भाषा के विकास में बाधक नहीं है, अपितु तकनीक के सहयोग से विश्व की तमाम भाषाएं अपने गौरव को पा सकती है, अपना विकास कर अपनी परिधि का विस्तार कर सकती है।
इसके पश्चात डॉ. सौरभ कुमार ने कंप्यूटर पर विभिन्न भाषाओं एवं कुंजीपटल को किस प्रकार सक्रिय किया जाता है इसका प्रात्यक्षिक प्रस्तुत किया। साथ ही कार्यशाला से जुड़े सदस्यों को अपने-अपने कंप्यूटर में इसे सक्रिय करना सीखाया।
डॉ. सौरभ ने यह भी स्पष्ट किया कि कंप्यूटर पर हिंदी में कार्य करने हेतु हिंदी की टाइपिंग यह अब बाधक नहीं है। डॉ. सौरभ ने ध्वनि आधारित टाइपिंग (Voice Typing) के टूल्स को किस प्रकार सक्रिय किया जा सकता है तथा इससे किस प्रकार कार्य किया जा सकता है इसका प्रात्यक्षिक कर सभी के साथ साझा किया। साथ ही, मोबाइल में किस प्रकार से हिंदी को सक्रिय कर कार्य किया जा सकता है इस पर भी सभी का मार्गदर्शन किया।
साथ ही, आमंत्रित वक्ता डॉ. सौरभ ने विभिन्न संकेतों जैसै रुपये आदि के साइन को किस प्रकार से कंप्यूटर पर प्राप्त किया जा सकता है इसपर प्रकाश ड़ाला।
