October-December

दिनांक 08 दिसंबर 2023 को आनलाइन हिंदी कार्यशाला का आयोजन

राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में हिंदी प्रकोष्ठ, भा.प्रौ.सं. रोपड़ ने अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही के दौरान हिंदी कार्यशाला का आयोजन संपन्न किया। संस्थान का हिंदी प्रकोष्ठ प्रति तिमाही एक कार्यशाला का आयोजन संपन्न करता आ रहा है। इसी क्रम में, दिनांक 08 दिसंबर 2023 को आनलाइन माध्यम से हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य संस्थान सदस्यों को तकनीक के साथ हिंदी में कार्य करने में निपुण बनाना था।

उपर्युक्त उद्देश्य की पूर्ति हेतु संस्थान सदस्यो का मार्गदर्शन करने हेतु डॉ. श्याम सुंदर कथूरिया, संयुक्त निदेशक (राजभाषा), कर्मचारी राज्य बीमा निगम, भारत सरकार (नई दिल्ली) को विशेष रुप से आमंत्रित किया गया था। यह कार्यशाला “हिंदी में कामकाजः बहुत आसान” विषय शीर्षक पर आयोजित की गई थी।

इस कार्यशाला के आरंभिक चरण में, संस्थान के वरिष्ठ हिंदी अनुवाद अधिकारी डॉ. गिरीश प्रमोदराव कठाणे ने सभी को आमंत्रित वक्ता महोदय का विस्तृत परिचय दिया। इस अवसर पर संस्थान के हिंदी अधिकारी श्री विपिन कुमार जी ने औपचारिक स्वागत करते हुए डॉ. श्याम सुंदर कथूरिया जी का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की ओर से स्वागत एवं अभिवादन किया। साथ ही, नराकास रुपनगर के सदस्य कार्यालयों से सहभागी सदस्यों का भी स्वागत किया।

इस कार्यशाला में संस्थान के कर्मचारियों के साथ-साथ नराकास रुपनगर के सदस्य कार्यालयों के सदस्यों ने भी बढ़-चढ़ कर अपनी सहभागिता दर्ज की।

अपने मार्गदर्शन पर वक्तव्य में डॉ. श्याम सुंदर कथूरिया जी ने सभी के साथ कार्यशाला के विषय पर चर्चा की।

कार्यशाला के आमंत्रित वक्ता महोदय डॉ. श्याम सुंदर कथूरिया जी ने विभिन्न बिंदुओं पर सभी उपस्थितों के साथ अपने विचार साझा किए। वक्ता महोदय ने हिंदी अनिवार्य क्यों है इस विषय पर मार्गदर्शन करते हुए संवैधानिक दायित्व, व्यावसायिक अपेक्षा, सामाजिक जिम्मेदारी तथा राष्ट्रीय अस्मिता आदि पर अपने विचार व्यक्त किए।

साथ ही, अधिकांशतः जो मानस है कि हिंदी कठिन है, दूरह है, क्लिष्ट है इस विचार का वक्ता महोदय ने बहोत ही सरल और रोचक ढंग से खंडन प्रस्तुत किया। इसके पश्चात वक्ता महोदय ने राजभाषा के रुप में हिंदी को ही क्यों चयनित किया गया इसपर भी अपने विचार व्यक्त किए।

आमंत्रित वक्ता महोदय ने किस प्रकार से आप सहजता से हिंदी टाइपिंग कर सकते है इसका प्रात्यक्षिक सभी के समक्ष प्रस्तुत किया। अपने विचारों को आगे ले जाते हुए डॉ. कथूरिया जी ने विभिन्न हिंदी सॉफ्टवेयर टूल्स की सभी को जानकारी दी जिनकी सहायता से हर कोई आसानी से अपना सरकारी कामकाज हिंदी में कर सकते है। डॉ. कथूरिया जी ने उदाहरण के साथ यह भी बताया कि हिंदी के शब्द भंडार में कोई अभाव नहीं हैं अपितु हिंदी का शब्द भंडार अत्याधिक समृद्ध है।

डॉ. कथूरिया जी ने सभी को यह आग्रह किया कि सभी कर्मचारी सर्वप्रथम अपना कार्य मूल रुप से हिंदी में करना सुनिश्चित करें।

इस कार्यशाला के अंतिम चरण में, संस्थान के वरिष्ठ हिंदी अनुवाद अधिकारी डॉ. गिरीश प्रमोदराव कठाणे ने आमंत्रित वक्ता महोदय और संस्थान सदस्यों तथा नराकास रुपनगर के सदस्यों का इस कार्यशाला में सहभागी होकर इसे सफल बनाने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।